मेरठ। उत्तर प्रदेश के प्रमुख जिले मेरठ में एक के बाद एक कई दलितों की हत्या हुई है. पिछले कुछ महीनों में पांच दलितों की हत्या की खबर है. तुर्रा यह है कि इन तमाम हत्याओं के बावजूद प्रशासन अब तक किसी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर पाया है. घटनाक्रम के मुताबिक दो अप्रैल, 2018 भारत बन्द आन्दोलन के दौरान मेरठ के कचहरी पूर्वी गेट पर अकुंज जाटव नामक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पुलिस ने आज तक भी केस नहीं खोला है.
दूसरी घटना 04 अप्रैल, 2018 को फाजलपुर निवासी गोपी पारिया नामक युवक की सरेआम हत्या कर दी गई, जिसकी एफ. आई. आर. भी पुलिस ने अपने हिसाब से लिखी, पांच नामजदों में से पुलिस ने एक अभियुक्त की अभी तक गिरफ्तारी नहीं की है जिसका अपराध स0 390/18 थाना कंकरखेड़ा, मेरठ है.
तीसरी घटना 04 मई, 2018 मोहकमपुर निवासी 22 वर्षीय विकास को उसकी प्रेमिका के घरवालों ने अपने घर बुलाकर जबरन जहर पिला दिया जिसकी उपचार के दौरान मौत हो गई. विकास के परिजनो ने चार लोगों के विरूद्ध मुकदमा दर्ज कराया था, लेकिन पुलिस ने आज तक भी एक भी अभियुक्त की गिरफ्तारी नहीं की है जिसका अपराध स0 278/2018 थाना टी.पी. नगर, मेरठ है.
चौथी घटना दिनांक 09 अगस्त, 2018 उल्लेदपुर निवासी रोहित जाटव नामक युवक की गांव के ही कथित सवर्णों द्वारा पीट-पीट कर हत्या कर दी गई. रोहित के पिता ने गांव के ही नौ लोगों के विरूद्ध नामजद मुकदमा पंजीकृत कराया था, पुलिस ने अभी तक कुल 4 यवकों की गिरफ्तारी की है. पांच अभियुक्त पुलिस की पकड़ से अभी भी दूर है जिसका अपराध स0 230/18 थाना गंगा नगर, मेरठ है और उलटा पुलिस ने पीड़ित परिवार के विरुद्ध सगींन धाराओं में मकदमा दर्ज कर दिया.
जबकि पांचवा मर्डर लंगूर स्वामी किशन लाल जाटव का है जिस की एफ आई आर तक दर्ज नहीं हुई है. पीड़ित परिवारों का आरोप है कि पुलिस उनकी एक नहीं सुन रही है और लगातार इस मामले में लीपापोती की कोशिश की जा रही है. पीड़ित परिवारों का आरोप सरकार को कठघरे में खड़ा करती है.
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