नई दिल्ली। चुनावों की गिनती के राउंड जैसे-जैसे बढ़ते जा रहे हैं, वैसे-वैसे तमाम दिग्गज नेताओं पर भी हार का खतरा मंडराने लगा है. जो स्थिति बन रही है, उसमें ऐसे तमाम दिग्गज इस बार लोकसभा में पहुंचते हुए दिखाई नहीं दे रहे हैं, जिनकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है. ये दिग्गज पक्ष में रहें या विपक्ष में, इन्होंने संसद में होने वाली तमाम चर्चाओं में हिस्सा लेते हुए अपनी मजबूत स्थिति दर्ज कराई है. आइए नजर डालते हैं कि इस बार किस-किस नेता पर हार का संकट मंडराया है.
16वीं लोकसभा के बाद संसद में कांग्रेस की ओर से प्रमुख नेता के तौर पर मौजूद और दिग्गज कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे पर हार का संकट दिख रहा है. खड़गे कर्नाटक की गुलबर्गा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं. इसके अलावा पटनासाहिब से शत्रुध्न सिन्हा पीछे हैं. सिन्हा को रविशंकर प्रसाद काफी आगे चल रहे हैं. पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार बिहार के सासाराम से पीछे चल रहे हैं. मध्यप्रदेश के गुणा सीट से कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया पीछे चल रहे हैं. सिंधिया भाजपा के केपी यादव से पीछे हैं.
भोपाल से चुनाव लड़ रहे दिग्विजय सिंह भी इस बार संसद में पहुंचते नहीं दिख रहे हैं. उन्हें भाजपा की साध्वी प्रज्ञा से हार मिलती दिख रही है. मुजफ्फरनगर से राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह भी पीछे चल रहे हैं. तो बागपत सीट से उनके बेटे जयंत चौधरी पीछे चल रहे हैं
कर्नाटक के तुमकुर सीट से पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा पीछे चल रहे हैं. तो बिहार की गया सीट से बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी हारते दिख रहे हैं. बिहार के मधेपुरा सीट से शरद यादव हार रहे हैं तो प्रदेश के उजियारपुर से रालोसपा अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा पीछे चल रहे हैं. महाराष्ट्र की बात करें तो यहां के नांदेड़ सीट से प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चौहान पीछे चल रहे हैं. झारखंड के दुमका सीट से झारखंड मुक्ति मोर्चा के सीबू सोरेन चुनाव में पीछे हैं.
सबसे खास बात यह है कि रुझानों में दर्जन भर पूर्व मुख्यमंत्री चुनाव हारते दिख रहे हैं. इनमें अकेले कांग्रेस के नौ मुख्यमंत्री शामिल हैं. कांग्रेस के जो पूर्व मुख्यमंत्री पीछे चल रहे हैं या हारने की स्थिति में हैं, उनमें मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे और अशोक चव्हाण, दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित, उत्तराखंड के सीएम हरीश रावत, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा आदि का नाम शामिल है.
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राज कुमार साल 2020 से मीडिया में सक्रिय हैं। उत्तर प्रदेश की राजनीतिक और सामाजिक गतिविधियों पर पैनी नजर रखते हैं।