अजमेर। चूरू जिले के अंबेडकर नगर, गांव न्यारा के मेघवाल समाज के लोगों ने एक राय होकर मृत्यु भोज जैसी सामाजिक कुरीति को त्यागने ने का संकल्प 7 नवंबर, 2018 दीपावली को लिया। लोगों का तर्क था कि किसी की मृत्यु पर भोज का आयोजन करना गलत परंपरा है। किसी के मरने पर मिठाई खाना कैसी परंपरा है। यह भी तय हुआ कि जो मृत्यु भोज करता हो उसके यहाँ कोई भी भोजन नहीं करेगा।
दरअसल समाज के भीतर काफी लंबे वक्त से मृत्यु भोज को लेकर बहस चली आ रही है। अम्बेडकरी आंदोलन से जुड़े लोग अक्सर इसका विरोध करते हैं। इसको खत्म करने के लिए कई स्तरों पर लगातार जागरूकता अभियान चलाया जाता है। जिसके बाद ऐसा देखने को मिल रहा है।
डाॅ गुलाब चन्द जिन्दल ‘मेघ’
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