डॉ. सुनील कुमार ‘सुमन’ “हरिचाँद ठाकुर-गुरुचाँद ठाकुर सम्मान” से सम्मानित

युवा आदिवासी लेखक-विचारक एवं महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा (महाराष्ट्र) के सहायक प्रोफ़ेसर डॉ. सुनील कुमार ‘सुमन’ को दलित-आदिवासी एवं पिछड़े समाज के लिए किए गए उल्लेखनीय कार्यों के लिए ‘‘हरिचाँद ठाकुर-गुरुचाँद ठाकुर सम्मान’’ से सम्मानित किया गया है। हावड़ा, पश्चिम बंगाल स्थित रामगोपाल मंच सभागार में मूलनिवासी कर्मचारी कल्याण महासंघ (मक्कम) की प. बंगाल ईकाई,बाबासाहेब डॉ. बी.आर.अम्बेडकर मिशन, हुगली, भारतीय दलित साहित्यकार मंच (प.बं.) तथापश्चिम बंगाल सफाई कर्मचारी एकता संघ द्वारा 17 जून को संयुक्त रूप से आयोजित एक भव्य अभिनंदन समारोह में डॉ सुनील को यह सम्मान प्रदान किया गया।

इस कार्यक्रम का कुशल संचालन लेखक व कवि रामजीत राम ने किया। इस अवसर पर विशेष रूप से उपस्थित भंते रखित श्रमण, समाजसेवी शारदा प्रसाद, वरिष्ठ पत्रकार एवं ‘पैरोकार’ पत्रिका के संपादक अनवर हुसैन, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के राजभाषा अधिकारी डॉ. ब्रजेश कुमार यादव, महाराजा श्रीश चंद्र कालेज के राजनीतिशास्त्र विभाग के अध्यक्ष डॉ प्रेम बहादुर मांझी, सहायक प्रोफ़ेसर एवं युवा आलोचक डॉ. कार्तिक चौधरी सहित तमाम दिग्गज मौजूद रहें। गणमान्य वक्ताओं ने डॉ. सुनील कुमार ‘सुमन’ के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि डॉ. सुमन की सक्रियता एवं मार्गदर्शन से बंगाल के बहुजन समाज को वैचारिक ऊर्जा व ताकत मिली। इससे हमारा बौद्धिक संवर्द्धन भी हुआ।

अपने संबोधन में डॉ सुनील कुमार ‘सुमन’ ने आयोजकों का धन्यवाद देते हुए कहा कि बंगाल के दो महापुरुषों के नाम पर स्थापित इसनअमूल्य सम्मान को हासिल करना मेरे लिए बहुत ही गौरव की बात है। इससे मेरी सामाजिक ज़िम्मेदारी और बढ़ गई है। हमें ‘पे बैक टू सोसाइटी’ को लेकर लगातार सक्रिय रहना है और अपने बौद्धिक-वैचारिक कारवां को हमेशा आगे बढ़ाने का काम करते रहना है। उल्लेखनीय है कि डॉ सुनील कुमार ‘सुमन’ पिछले पाँच वर्षों से वर्धा हिंदी विश्वविद्यालय के कोलकाता केंद्र प्रभारी के रूप में अपना योगदान दे रहे थे। ‘दलित दस्तक’ परिवार भी सुनील कुमार ‘सुमन’ को बधाई देता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.