मध्यप्रदेश। प्रदेश में आदिवासी संगठन आरएसएस के विरोध में खड़े हो गए हैं. आदिवासी संगठनों ने आरएसएस द्वारा आयोजित हिन्दू सम्मेलन के विरोध पर उतर गए हैं. साथ ही प्रदेश के आदिवासियों से अपील कर उन्हें इस हिन्दू सम्मेलन में शामिल नहीं होने की अपील की है. राजधानी भोपाल में यह सम्मेलन आठ फरवरी को आयोजित होना है.
प्रदेश के बैतूल जिले के आदिवासी संगठनों ने विरोध कर जिले के आदिवासियों से हिन्दू सम्मलेन में शामिल नहीं होने की अपील की है. इस अपील के बाद से संगठनों ने आदिवासी समाज में अपील जारी की है कि कोई भी हिन्दू सम्मेलन में न जाए. इस सम्मेलन में आरएसएस के सर संघ संचालक मोहन भागवत को बैतूल पहुंचना है. जिसके लिए भीड़ जुटाने में सत्ता और संगठन को एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है. लेकिन आदिवासियों के ताजा फैसले से आरएसएस को बड़ा झटका लग सकता है. यही नहीं संगठनों ने आदिवासियों की घर वापसी अभियान भी चलाने का फैसला किया है.
आदिवासी संगठनों का कहना है कि आदिवासी हिन्दू नहीं हैं इसलिए उन्हें सम्मेलन में न जाने के लिए समझाया जा रहा है. बैतूल में आयोजित आदिवासी संगठन की एक बैठक में साफ एलान किया गया है कि आदिवासी हिन्दू नहीं हैं, इसलिए वे आठ फरवरी को आयोजित हिन्दू सम्मेलन का हिस्सा न बनें. इसके लिए गांव-गांव फरमान भी जारी कर दिया है. समाज के युवा भी मानते हैं कि उनके रीति-रिवाज और संस्कृति हिन्दू समाज से भिन्न है. उनका दावा है कि सुप्रीम कोर्ट भी कह चुका है कि आदिवासी हिन्दू नही हैं. इसलिए वे सम्मेलन में नही जायेंगे. आदिवासी समाज के इस फैसले से हिन्दू सम्मलेन को लेकर आरएसएस की योजना खटाई में पड़ सकती है. बताते चलें कि बैतूल जिला आदिवासी बाहुल्य जिला है.
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