बिहार के नवादा कांड का सच!

18 सितंबर की रात में बिहार में नवादा जिले के कृष्णा नगर गांव में बिहार सरकारी जमीन पर बसे हुए अनुसूचित जाति के मजदूर एवं गरीब मुसहर और मोची (चमार) जाति के लगभग 80 -100 परिवार के घरों में आग लगा दी गई और मारपीट करते हुए फायरिंग की गईं। इस दुखद, अपराधिक और निंदनीय घटना में सरगना नंदू पासवान सहित 50-60 लोग शामिल होने की बातें सामने आई हैं जिसमें अन्य भूमि माफियाओं एवं गुंडों के द्वारा रचे गए षडयंत्र शामिल हैं।

दरअसल पीड़ित गरीब मजदूर मुसहर और चमार लोग गत 25-30 से वर्षों से अधिक उस जमीन पर बसे हुए हैं। वहां उन्हें सरकारी सुविधाओं का भी लाभ मिलता रहा है।

अब वह जमीन काफी महंगी कई करोड़ हो चुकी है और उस पर स्थानीय भूमि माफिया एवं गुंडों द्वारा जबरन कब्जा करने की साज़िश लगभग 10 वर्षों से की जा रही हैं। यह कहा जा रहा है कि उन लोगों ने उस इलाके के एक अनुपस्थित किसी जमींदार से कुछ कागजात बनवाकर अपना दावा सरकारी आफिस में दायर किया है जिसमें नंदू पासवान सहित कई यादव और अन्य लोग शामिल हैं। कहा जा रहा है कि अधिकारियों की उदासीनता और भ्रष्टाचार के कारण स्थानीय सरकारी आफिस में यह विवाद अभी भी लंबित है।

इससे प्रतीत होता है कि यह मामला जाति विद्वेष, जाति संघर्ष और हिंसा का नहीं है , बल्कि भूमि माफियाओं और गुंडों द्वारा उस जमीन पर कब्जा करने का है। इस उद्देश्य के लिए ही कल शाम उन घरों आग लगा दी गई जिससे बड़ी संख्या में पालतू जानवर जल कर मर गए हैं और चल अचल संपत्ति का जलने से भारी नुकसान हुआ है।

दरअसल मुख्य मामला उस जमीन पर से वर्षों से बसे पीड़ित लोगों को भगाना है और जमीन पर कब्जा करना है। इसलिए ही वे गुंडे लोग करीब 50-60 की संख्या में लाठी, ठंडे, गोली–बंदूक और पेट्रोल के गैलन से लैस लोग थे, जिन्होंने गोली भी चलाकर दहशत फैलाई और घरों में आग लगाने में पेट्रोल का दुरुपयोग किया गया है।

अब यह मामला पूरा राजनीतिक रंग ले चुका है और  प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 15 लोगों को गिरफ्तार किया है। किन्तु स्थानीय प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता स्पष्ट दिखाई दे रही है और उनका भूमि माफिया एवं गुंडों के साथ गठजोड़ साफ़ साफ़ दिखाई दे रहा है है ।

इस अमानवीय और अपराधिक घटना पर राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं। विपक्ष के लोग बिहार में असली जगल-राज आ जाने की बात कर रहे हैं। प्रतिपक्ष के माननीय नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने वर्तमान शासन को महाजंगल राज कहा है। उनकी ही पार्टी के प्रवक्ता प्रो मनोज झा ने बिहार के एनडीए शासन को दैत्य और राक्षस राज कहा है।

माननीय केन्द्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने आरोप लगाया है कि हमलावर पासवानों (दुसाधों) को कुछ स्थानीय यादवों ने कांड करने के लिए भड़काया। मांझी जी ने जांच से पहले ही यह मान लिया है कि सभी हमलावर पासवान जाति के थे और उन्हें यादव जाति के लोगों ने भड़काया था। मांझी जी के इस बयान पर लालू यादव ने नाराजगी जताई है। दरअसल ये श्रीमान मांझी जी इस घटना के लिए जाति आधारित विद्वेष, हिंसा और दबंगई को मुख्य कारण मान रहे हैं जो बिल्कुल गलत है। हम जानते हैं कि सभी अपराधी किसी न किसी जाति से ही आते हैं, इसलिए किसी अपराधिक घटना के लिए किसी जाति विशेष को टारगेट करना सही नहीं है।

पुलिस और सिविल प्रशासन द्वारा इस दुखद अमानवीय एवं अपराधिक घटना की जांच की जा रही है। हमें आशा करनी चाहिए जल्दी ही अन्य सभी तथ्यों की जानकारी  अवश्य मिलेगी।

हमारी मांगें हैं –

  1. इस घटना शामिल सभी अपराधियों, षड्यंत्रकारी भूमि माफियाओं एवं गुंडों को जल्द से गिरफ्तार कर फास्ट ट्रैक कोर्ट से जल्द से जल्द सजा दिलाई जाए।
  2. सभी पीड़ित परिवारों के लिए सरकार यथाशीघ्र जमीन का कागजात एवं पर्चा देते हुए उस पर 10-10 लाख रुपए की राशि के पक्के घरों का निर्माण करवाए।
  3. सरकार सभी पीड़ित परिवारों को अविलंब 1-1 लाख रुपए और राहत सामग्री मुहैया कराएं।

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