नई दिल्ली। आज सिनेमाघरों में सलमान खान की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘ट्यूबलाइट’ रिलीज हुई है. दो सुपरहिट फिल्में देने के बाद इस बार कबीर खान और सलमान खान की जोड़ी ने हॉलीवुड की फिल्म ‘ए लिटिल ब्वॉय’ से प्रेरित होकर इस फिल्म की कहानी पर्दे पर दर्शाने की कोशिश की है.
इस फिल्म सलमान खान जिस अवतार में नजर आ रहे हैं उस अवतार में उन्हें पहले कभी नहीं देखा गया है. इस फिल्म में सलमान न तो अपनी शर्ट उतारने वाले हैं और न ही अपना मसल्स दिखाएंगे. लेकिन इस फिल्म में सलमान आपको बोर नहीं होने देंगे.
कहानी में एक वक्त ऐसा आता है कि भरत की नौकरी आर्मी में लग जाती है और 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान उसे जाना पड़ता है और जिसके वापस आने की कोई उम्मीद नहीं होती. फिर यहां से शुरू होता है फिल्म का इमोशनल पल. इसके बाद लक्ष्मण पूरी तरीके से भावुक हो जाता है और उसकी बस यही एक कोशिश होती है कि किसी तरह वह अपने भाई को वापस ला सके.
इस यकीन में लक्ष्मण का समय-समय पर साथ देते हैं बन्ने खान चाचा (ओम पुरी), जादूगर शाशा (शाहरुख खान) और शी लिंग (झू झू), लेकिन क्या लक्ष्मण का यकीन सही साबित होता है? लक्ष्मण अपने भाई भरत जंग के मैदान से वापस ला पाता है? अब इन सवालों का जवाब पाने के लिए आपको सिनेमाघरों में जाकर पूरी फिल्म देखनी पड़ेगी.
कहानी में एक वक्त ऐसा आता है कि भरत की नौकरी आर्मी में लग जाती है और 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान उसे जाना पड़ता है और जिसके वापस आने की कोई उम्मीद नहीं होती. फिर यहां से शुरू होता है फिल्म का इमोशनल पल. इसके बाद लक्ष्मण पूरी तरीके से भावुक हो जाता है और उसकी बस यही एक कोशिश होती है कि किसी तरह वह अपने भाई को वापस ला सके.
इस यकीन में लक्ष्मण का समय-समय पर साथ देते हैं बन्ने खान चाचा (ओम पुरी), जादूगर शाशा (शाहरुख खान) और शी लिंग (झू झू), लेकिन क्या लक्ष्मण का यकीन सही साबित होता है? लक्ष्मण अपने भाई भरत जंग के मैदान से वापस ला पाता है? अब इन सवालों का जवाब पाने के लिए आपको सिनेमाघरों में जाकर पूरी फिल्म देखनी पड़ेगी.
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दलित दस्तक (Dalit Dastak) साल 2012 से लगातार दलित-आदिवासी (Marginalized) समाज की आवाज उठा रहा है। मासिक पत्रिका के तौर पर शुरू हुआ दलित दस्तक आज वेबसाइट, यू-ट्यूब और प्रकाशन संस्थान (दास पब्लिकेशन) के तौर पर काम कर रहा है। इसके संपादक अशोक कुमार (अशोक दास) 2006 से पत्रकारिता में हैं और तमाम मीडिया संस्थानों में काम कर चुके हैं। Bahujanbooks.com नाम से हमारी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुक किया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को सोशल मीडिया पर लाइक और फॉलो करिए। हम तक खबर पहुंचाने के लिए हमें dalitdastak@gmail.com पर ई-मेल करें या 9013942612 पर व्हाट्सएप करें।