आगरा। उत्तर प्रदेश में दलितों पर अत्याचार रूकने का नाम नहीं ले रहा है. राज्य के हर जिले से दलितों के साथ मारपीट-भेदभाव की खबरें आए दिन आ रही है. इसी क्रम में आगरा के बरनाहल थाना क्षेत्र के विनायकपुर में मनुवादियों के अत्याचार से पीड़ित दलित परिवार गांव से पलायन करने को मजबूर है.
दरअसल, शनिवार(18 नवंबर) की रात गांव की महिला प्रधान के पति और उसके साथियों ने दलित परिवार को बंदूक के दम पर धमका कर उनकी जमीन पर भगवान की मूर्ति स्थापित कर दी. जब दलित परिवार ने इसका विरोध किया तो मनुवादियों ने हवा में फायरिंग कर दी. जिससे दलित परिवार डर गया.
विधवा पीड़िता अनीता देवी ने बताया कि दो दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस ने अभी तक भगवान की मूर्ति नहीं हटवाई है. परिवार दहशत में है. उन्होंने आगे कहा कि अगर पुलिस कार्रवाई नहीं करती है तो परिवार गांव से पलायन करने को मजबूर होगा.
पीड़िता की तहरीर पर पुलिस ने ग्राम प्रधान के पति शिवानंद यादव, गौरव, मुनीश, अवनीश, यशपाल, अजय उर्फ चांदा, सोनेलाल, संजय और रमनकांत के खिलाफ एससी/एसटी समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है. लेकिन अभी तक जमीन पर स्थापित की गई मूर्ति को नहीं हटवा पाई है और ना ही किसी आरोपी को गिरफ्तार कर पाई है.
दलित दस्तक (Dalit Dastak) एक मासिक पत्रिका, YouTube चैनल, वेबसाइट, न्यूज ऐप और प्रकाशन संस्थान (Das Publication) है। दलित दस्तक साल 2012 से लगातार संचार के तमाम माध्यमों के जरिए हाशिये पर खड़े लोगों की आवाज उठा रहा है। इसके संपादक और प्रकाशक अशोक दास (Editor & Publisher Ashok Das) हैं, जो अमरीका के हार्वर्ड युनिवर्सिटी में वक्ता के तौर पर शामिल हो चुके हैं। दलित दस्तक पत्रिका इस लिंक से सब्सक्राइब कर सकते हैं। Bahujanbooks.com नाम की इस संस्था की अपनी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुकिंग कर घर मंगवाया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को ट्विटर पर फॉलो करिए फेसबुक पेज को लाइक करिए। आपके पास भी समाज की कोई खबर है तो हमें ईमेल (dalitdastak@gmail.com) करिए।