लखनऊ। ‘‘आरक्षण बचाओ पैदल मार्च” में दलित नेताओं व समर्थकों ने सरकार के सामने अपनी मांगों को रखा. साथ ही कहा कि आरक्षित वर्ग के अधिकारों के आधार पर फायदा दिया जाए नहीं तो एक बार फिर लाखों की तदाद में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरेंगे. इस दौरान हजारों की संख्या में आरक्षण समर्थकों ने योगी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पदोन्नति बिल पास कराने व आरक्षण अधिनियम 1994 की धारा-3(7) को 15-11-1997 से बहाल कराने की मांग उठाई. साथ ही कहा कि आरक्षण समर्थकों का ऐलान सरकार ने शीघ्र न किया न्याय तो उप्र में लाखों की संख्या में आरक्षण समर्थक विशाल रैली करेंगे. इसके अलावा पिछड़े वर्गों के लिये पदोन्नति में आरक्षण की वर्ष 1978 में लागू व्यवस्था पुनः बहाल करने की मांग को रखा. इस दौरान संघर्ष समिति ने पिछड़े वर्गों के लिये प्रदेश में वर्ष 1978 में लागू पदोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था को पुनः बहाल कराने की मांग उठायी.
लोक सभा में लम्बित पदोन्नति में आरक्षण संवैधानिक संशोधन 117वां बिल पास कराने व सुप्रीम कोर्ट के आदेश के क्रम में उत्तर प्रदेश में आरक्षण अधिनियम 1994 की धारा-3(7) को 15-11-1997 से बहाल कराने को लेकर आरक्षण बचाओं संघर्ष समिति उप्र के संयोजक अवधेश कुमार वर्मा के नेतृत्व में आज एक ‘‘विशाल आरक्षण बचाओ पैदल मार्च‘‘ डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मारक गोमती नगर से प्रातः 6 बजे प्रारम्भ हुआ. जिसमें हजारों की संख्या में शामिल आरक्षण समर्थक कार्मिकों के इस पैदल मार्च को उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायमूर्ति खेमकरन जी ने झण्डी दिखाकर रवाना किया.
आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति, उप्र के संयोजकों अवधेश कुमार वर्मा, केबी राम, डॉ. रामशब्द जैसवारा, आरपी केन, अनिल कुमार, अजय कुमार, श्याम लाल, अन्जनी कुमार, रीना रजक, पीएम प्रभाकर, प्रेम चन्द्र, बनी सिंह, अशोक सोनकर, लेखराम, दिनेश कुमार, अजय चैधरी, डॉ. राजकरन, राम प्रकाश मौर्या, रामेन्द्र कुमार, योगेन्द्र रावत, सुशील कुमार, चमन लाल, प्रमोद कठेरिया, प्रभूशंकर, श्रीनिवास, सुखेन्द्र प्रताप, प्रतोष कुमार, बीना दयाल, राकेश पुष्कर, मंजू वर्मा, अनीता, अंजली, दिग्विजय सिंह, सुधा गौतम,सुनील कनौजिया, रंजीत कुमार, अरविन्द फोर्सवाल, मयाराम गौतम, बृहद्रथ वर्मा, राजेश कुमार, अरूण कुमार, रमेश चन्द्र ने आरक्षण को बचाने के लिए अपनी बात रखी.
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