लखनऊ। यूपी पुलिस ने बीते सोमवार को लखनऊ प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे कई दलित कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया. हालांकि बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया. पुलिस ने कहा कि उन्होंने इन कार्यकर्ताओं को इसलिए गिरफ्तार किया, क्योंकि उन्होंने प्रेस वार्ता के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास तक मार्च करने की योजना बनाई थी, जिसकी उन्हें इजाजत नहीं मिली हुई थी.
गिरफ्तार किए गए दलित कार्यकर्ताओं में शामिल रमेश दीक्षित, राम कुमार और रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट एसआर दारापुरी ने बताया कि उन्होंने ‘दलितों के उत्पीड़न’ पर चर्चा के वास्ते प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई थी. दारापुरी ने कहा कि झांसी में रविवार को करीब 50 दलितों को लखनऊ आने से रोक दिया गया. ये लोग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलना चाहते थे और उन्हें एक विशाल साबुन की टिकिया भेंट करना चाहते थे. यह समूह गुजरात के अहमदाबाद से आ रहा था और वे अपने साथ 125 किलो के साबुन की टिकिया यूपी के सीएम को देना चाहते थे.
गौरतलब है कि मई महीने में यूपी के कुशीनगर जिले के अनुसूचित जाति के लोगों ने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री के दौरे से पहले स्थानीय प्रशासन ने उन्हें साबुन और शैंपू दिए थे. राज्य के सबसे गरीब समझे जाने मुसहर तबके के लोगों ने कहा था कि कुशीनगर में योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम से पहले उनसे स्थानीय प्रशासन ने अच्छे ढंग से नहा-धोकर आने को कहा था.
गुजरात के दलित समुदाय के लोगों ने कहा कि वह इस मामले को लेकर सांकेतिक विरोध के रूप में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को निजी तौर पर साबुन भेंट करना चाहते थे. पुलिस ने बिना कोई कारण बताए उन लोगों से झांसी में ट्रेन से उतरने को कहा. हालांकि जिन लोगों को ट्रेन से उतारा गया, उन्होंने कहा कि सुरक्षा कारणों से उन्हें ट्रेन से उतरने को कहा गया. इन लोगों को एक स्थानीय गेस्ट हाउस में ले जाया गया और बाद में ट्रेन से वापस अहमदाबाद भेज दिया गया.

दलित दस्तक (Dalit Dastak) साल 2012 से लगातार दलित-आदिवासी (Marginalized) समाज की आवाज उठा रहा है। मासिक पत्रिका के तौर पर शुरू हुआ दलित दस्तक आज वेबसाइट, यू-ट्यूब और प्रकाशन संस्थान (दास पब्लिकेशन) के तौर पर काम कर रहा है। इसके संपादक अशोक कुमार (अशोक दास) 2006 से पत्रकारिता में हैं और तमाम मीडिया संस्थानों में काम कर चुके हैं। Bahujanbooks.com नाम से हमारी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुक किया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को सोशल मीडिया पर लाइक और फॉलो करिए। हम तक खबर पहुंचाने के लिए हमें dalitdastak@gmail.com पर ई-मेल करें या 9013942612 पर व्हाट्सएप करें।