उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में छात्रों ने जमकर प्रदर्शन किया। विरोध इतना पढ़ गया कि पुलिस ने युवाओं पर जमकर लाठियां चलाई। बिना यह देखे कि वह डंडा किसी लड़के पर गिर रहा है या किसी महिला अभ्यर्थी पर। युवा यूपीपीएससी, पीसीएस और आरओ-एआरओ प्रारंभिक परीक्षा दो दिन कराने का विरोध कर रहे थे। इनकी मांग है कि दो दिन की बजाय परीक्षा एक ही दिन कराई जाए। हालांकि यह विरोध प्रदर्शन पहले से तय था। प्रशासन को लगा कि कुछ छात्र आएंगे प्रदर्शन करेंगे। लेकिन भारत में बेरोजगारी का आलम यह है कि किसी भी वेकैंसी के लिए लाखों अभ्यर्थी होते हैं। लिहाजा युवाओं की भीड़ बढ़ गई और 10 हजार से ज्यादा युवा पहुंच गए।
अब लाठी चार्ज हुई तो नेताओं के बयान तो आने ही थे। अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर भाजपा को जमकर घेरा और युवाओं के साथ होने की बात कही। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा- युवा विरोधी भाजपा का छात्राओं और छात्रों पर लाठीचार्ज बेहद निंदनीय कृत्य है। इलाहाबाद में UPPSC में धांधली को रोकने के लिए अभ्यर्थियों ने जब माँग बुलंद की तो भ्रष्ट भाजपा सरकार हिंसक हो उठी। हम फिर दोहराते हैं कि नौकरी भाजपा के एजेंडे में है ही नहीं। हम युवाओं के साथ हैं।
हालांकि पुलिस के लाठीचार्ज के दौरान प्रयागराज में अभ्यर्थियों और पुलिस के बीच जमकर झड़प हो गई। छात्रों ने पुलिस के लाठीचार्ज के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। खबर है कि नाराज अभ्यर्थी यूपी लोकसेवा आयोग के ऑफिस में घुस गए। अभ्यर्थियों ने आयोग के सामने “एक दिन, एक शिफ्ट, नॉर्मलाइजेशन नहीं” की मांग रखी है।
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर से देश में बेरोजगार युवाओं की फौज का सच सामने ला दिया है। साथ ही यहां सवाल यह भी उठता है कि क्या अब देश में ऐसा वक्त आ गया है कि छात्रों का अपनी मांग को लेकर विरोध करना भी सत्ता को गंवारा नहीं है। यूपी में आने वाले दिनों में विधानसभा के उप चुनाव है। लाठी चार्ज से नाराज इन युवाओं का विरोध यूपी के उपचुनाव में भाजपा के लिए भारी पर सकता है।
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