नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री और आरएलएसपी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा बीते कुछ समय से बिहार की सियासी गलियारे में चर्चा में बने हुए हैं. एनडीए में सीट चल रहे सीटों के बंटवारे के कवायद के बीच कुशवाहा पर सबकी नजरे हैं. सियासी खीर बनाने की बात कहकर कुशवाहा ने राजनीतिक तापमान बढ़ा दिया था. हाल ही में उनकी पार्टी की तरफ से दिए गए बयान से ऐसी अटकलें लगाई जा रही है कि वे बिहार में महागठबंधन का दामन थाम सकते हैं. हालांकि खुद कुशवाहा ये साफ कर चुके हैं कि वे नरेंद्र मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं.
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने तीन सीटों पर जीत हासिल की थी. अब कुशवाहा की पार्टी का कहना है कि वक्त बदल चुका है, इसलिए उन्हें ज्यादा सीटें चाहिए. बता दें कि कुर्मी से ज्यादा बिहार में कोइरी की आबादी है.
ये तो वक्त बताएगा कि सीटों के बंटवारे में कुशवाहा की पार्टी के खाते में कितनी सीटें आती हैं और क्या वे एनडीए के साथ बने रहते हैं या नहीं. लेकिन अगर कुशवाहा एनडीए का साथ छोड़ते हैं और अभी चुनाव हुए तो एनडीए को नुकसान होगा. सिर्फ कुशवाहा की ही पार्टी नहीं अगर केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की पार्टी भी एनडीए का साथ छोड़ दे तो बिहार में नुकसान होगा. एबीपी न्यूज़ और सी-वोटर के सर्वे में ये बात सामने आई है. यानी बिहार में एनडीए को अगर ज्यादा सीटें जीतनी हैं तो सिर्फ नीतीश कुमार ही नहीं बल्कि एलजेपी और आरएलएसपी को साथ रखना होगा.
अगर LJP और RLSP यूपीए में गई तो?
कुल सीट- 40
एनडीए- 22
यूपीए- 18
हालांकि अगर बिहार में अगर मौजूदा सर्वे बरकरार रहा तो एनडीए को 40 में से 31 सीटें मिलेंगी.
अगर मौजूदा एनडीए बना रहा तो ?
कुल सीट- 40
एनडीए- 31
यूपीए- 9
कैसे हुआ सर्वे?
ये सर्वे अगस्त के आखिरी हफ्ते से लेकर सितंबर के आखिर हफ्ते तक किया गया है. ये सर्वे देश भर में सभी 543 लोकसभा सीटों पर किया गया है और 32 हजार 547 लोगों की राय ली गई है.
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