पटियाला। देश भर में राजनतिक पार्टियां जहाँ दलितों की मदद करने की और उनके हित में काम करने की बात करती हैं वहीं पंजाब के पटियाला शहर में एक दलित छात्रा को बेरहमी से पीटा गया. दलित छात्रा वीरपाल कौर की गलती सिर्फ इतनी थी के उसने परीक्षा मे नक़ल करवाने से इंकार कर दिया था. पटियाला के टोहड़ा गांव के सीनियर सेकेंडरी स्कूल की 10वीं कक्षा की दलित छात्रा ने अनुसूचित जाति आयोग को एक पत्र लिखकर अपने साथ हुए अत्याचार की आपबीती बताई.
वीरपाल कौर ने बताया की परीक्षा में स्कूल के क्लर्क ने अपने भतीजे और उसके दोस्तों को नकल करवाने का दबाव बनाया था लेकिन कौर मना कर दिया. नक़ल न करवाने की वजह से क्लर्क का भतीजा और उसके सहपाठी फेल हो गए. उसके बाद इन सब ने मिल कर छात्रा को बेरहमी से सबके सामने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा, वह हाथ जोड़ती रही मगर किसी को भी उस पर तरस नहीं आया.
इसके बाद भी जब उन छात्रों के अहंकार की भूख नहीं मिटी तो उसकी फेसबुक की फेक प्रोफाइल बना कर उसे बदनाम करने की कोशिश की गयी. वीरपाल कौर के पिता को जब इस घटना का पता चला तो उन्होंने भादसों थाने में इसकी शिकायत दर्ज करवाई. इसके बाद तीनों आरोपियों ने छात्रा से न केवल माफी मांगी बल्कि पुलिस को यह भी बताया था कि फेसबुक पोस्ट स्कूल के कलर्क के कहने पर अपलोड की गई थी.
इतना ही नहीं छात्रों ने माफ़ी मांगने के बाद भी उस पर जुल्म करना नहीं छोड़ा. जाती सूचक शब्दों का प्रयोग कर उससे परेशान किया जाता रहा. इसके बावजूद वीरपाल कौर स्कूल की मेधावी छात्रा बनी रही. 10 वीं में उसके 80 फिसदी से ज्यादा अंक आए.
गन्धर्व गुलाटी

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