नई दिल्ली- आज की पढ़ती-लिखती लड़कियां कमाल कर रही हैं। उनका हर एक कदम हमारे समाज और उसकी सोच के लिए किसी क्रांति से कम नहीं है। ऐसा ही एक काबिलेतारीफ कदम उठाया है तपस्या परिहार ने।
तपस्या परिहार एक आईएएस अधिकारी हैं उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में 23 वीं रैंक हासिल की है। हाल ही में उन्होंने शादी की है और अपनी शादी के दौरान उन्होंने जो क्रांतिकारी कदम उठाया उसकी तारीफ अब हर कोई कर रहा है।
दरअसल, हाल ही में तपस्या की शादी हुई और शादी की कन्यादान की रस्म के दौरान तपस्या ने कन्यादान कराने से इनकार कर दिया। तपस्या ने अपने पिता से कहा है कि मैं दान की चीज नहीं हूं, आपकी बेटी हूं। तपस्या के इन शब्दों ने पहले तो सभी को हैरान कर दिया लेकिन जब सभी को इन शब्दों का महत्व समझ आया तो सभी आँखे भर आईं। अपनी बेटी की इस बात को सुनकर उनके पिता ने उन्हें गले लगा लिया और तपस्या के जीवन साथी बने गर्वित गंगवार ने अपनी पत्नी की इस पहल का स्वागत किया।
हम जानते हैं कि हिंदू संस्कृति में कन्यादान का विशेष महत्व है और माता-पिता अपनी बेटी का कन्यादान करना सौभाग्य की बात मानते हैं लेकिन तपस्या ने इसी सोच को बदलते हुए अपना कन्यादान कराने से मना कर दिया। तपस्या मानती है कि कोई कैसे उनका कन्यादान, उनकी इच्छा के बैगर कर सकता है। अपनी इस सोच को जब तपस्या ने अपने परिवार के सामने रखा और वर पक्ष को जब इस बारे में पता चला तो सभी ने तपस्या की सोच का पूरे दिल से स्वागत किया और फिर तपस्या और गर्वित की शादी बिना कन्यादान के पूरी हुई।
यहाँ आपको ये भी बता दें कि तपस्या की शादी वैदिक मंत्रों और बाकी के सभी रीति रिवाजों के साथ संपन्न हुई है, लेकिन कन्यादान जैसी कोई रस्म नहीं निभाई गई।
समाज में समानता चाहने वाली आइएएस तपस्या के पिता विश्वास परिहार एक किसान हैं। उन्होंने हर कदम पर बेटी का साथ दिया है और यही वजह है कि आज उनकी यही बेटी सफलता की बुलंदियों पर है।

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