
नई दिल्ली। देश में 60 से 70 फीसदी परिवार ऐसे हैं जो 15 हजार रुपये से 50 हजार रुपये तक में पूरे महीने अपने घर का खर्च चला लेते हैं. यानि की साल का 1 लाख 80 हजार से लेकर 6 लाख तक. इस पूरी राशि में उस परिवार की थोड़ी बहुत सेविंग्स भी शामिल रहती है. वहीं अगर आपको यह पता चले कि एक मुख्यमंत्री अपने दफ्तर में लोगों को चाय पिलाने में सिर्फ 11 महीनों में 68 लाख रुपये से ज्यादा खर्च कर दे, तो फिर आप क्या कहेंगे??
जी हां, यह खबर सच है. पार्टी विद डिफरेंट का दावा करने वाली भारतीय जनता पार्टी के नेता और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पद संभालने के बाद से अब तक मेहमानों को चाय-पानी कराने में 68 लाख रुपये से ज्यायदा खर्च कर दिया है. राज्ये सरकार ने सूचना का अधिकार कानून (आरटीआई) के तहत यह जानकारी दी है.
आरटीआई कार्यकर्ता हेमंत सिंह गौनियों ने 19 दिसंबर, 2017 को सीएम द्वारा चाय-पानी के मद में किए गए खर्च के बारे में जानकारी मांगी थी. राज्य सचिवालय प्रशासन की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, उत्त राखंड सरकार ने 11 महीनों में चाय-पानी पर कुल 68,59,865 रुपये खर्च किए.
इस खबर के सामने आने के बाद सोशल साइट्स में भाजपा और सीएम रावत की खूब खिंचाई हो रही है. सौरव सिन्हा ने लिखा- ‘अब की बार रिफ्रेशमेंट सरकार.’ आलोक कुमार सिंह ने चुटकी लेते हुए लिखा- ‘राष्ट्र।वादी नाश्ताघ है भाई. तो वहीं पंकज कुमार ने नरेंद्र मोदी के बयान का हवाला देते हुए लिखा, ‘बहुत अच्छा! ना खाउंगा, ना खाने दूंगा डायलॉग का क्या हुआ?’ त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 18 मार्च, 2017 को उत्तराखंड के मुख्यचमंत्री पद की शपथ ली थी. उत्तराखंड चुनावों में भाजपा ने 70 सदस्यीय विधानसभा में 57 सीटें हासिल की थीं.