नई दिल्ली। लंबे समय से फरार किंगफिशर के मालिक शराब कारोबारी विजय माल्या ने अपनी खामोशी तोड़ी है. इनकी खामोशी ने पीएम मोदी को कठघरे में खड़ा कर दिया है. माल्या ने यह सफाई पेश करते हुए दावा किया है कि पूरे मामले में वह बेगुनाह हैं. इसके बावजूद देश के नेताओं और मीडिया ने उन्हें कर्ज लेकर फरार कारोबारी घोषित कर दिया है.
माल्या ने दावा किया कि मौजूदा सफाई उनके द्वारा 15 अप्रैल 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली को चिट्ठी लिखी थी. माल्या ने दावा किया कि सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय ने सरकार के आदेश पर उनके खिलाफ गलत आरोप लगाए और चार्जशीट दायर की. वहीं ईडी ने उनके और उनके परिवार की 13,900 करोड़ रुपये की संपत्ति को जब्त कर लिया है. इसके साथ ही बैंकों ने उन्हें धोखाधड़ी का पोस्टर बॉय बनाकर देश के सामने पेश किया है. अपनी सफाई में माल्या ने सिलसिलेवार ढंग से उनपर लगे एक-एक आरोपों पर अपना पक्ष रखा है.
गौरतलब है कि माल्या ने बताया कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व में 17 बैंकों के संघ ने किंगफिशर एयरलाइंस को करीब 5,500 करोड़ रुपये का लोन दिया था. इस लोन को देने के लिए बैंक के प्रत्येक स्तर पर नियम के मुताबिक उन्हें मंजूरी दी गई. इसके बाद लोन के लिए गिरवी रखी गई संपत्ति को बेचते हुए 600 करोड़ रुपये की रिकवरी की जा चुकी है. इसके अलावा 2013 से 1,280 करोड़ रुपये कर्नाटक हाईकोर्ट में सिक्योरिटी डिपॉजिट में पड़े हैं. लिहाजा कुल मिलाकर 1,880 करोड़ रुपये की रिकवरी की जा चुकी है.
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