जम्मू। 14वें दिन श्रीनगर में अघोषित कफर्यू पाबंदियों में दी गई ढील में जमकर हिंसा हुई. करीब 12 स्थानों पर हुई हिंसा में 2 दर्जन के करीब प्रदर्शनकारी उस समय जख्मी हो गए, जब सुरक्षाबलों ने उन पर पैलेट गन से गोलियां दागीं.
कश्मीर के श्रीनगर में 1 दिन पहले हिंसा की घटनाओं के बाद रविवार को कुछ इलाकों में पाबंदियां कड़ी कर दी गईं. इस बीच अधिकारियों ने बताया कि सऊदी अरब से हज तीर्थयात्रियों का पहला बैच कश्मीर लौट आया है तथा रविवार को 14वें दिन घाटी के कई हिस्सों में पाबंदियां जारी हैं.
अधिकारियों ने बताया कि उन इलाकों में फिर से पाबंदियां लगा दी गई हैं, जहां शनिवार को हालात बिगड़ गए. शहर में कई स्थानों और घाटी में अन्य जगहों पर पाबंदियों में ढील दी गई थी जिसके बाद परेशानी पैदा हो गई थी.
अधिकारियों ने बताया कि करीब 12 स्थानों पर प्रदर्शन हुए जिसमें 2 दर्जन से अधिक प्रदर्शनकारी जख्मी हो गए. करीब 300 तीर्थयात्रियों के साथ आ रहे विमान सुबह श्रीनगर हवाई अड्डे पहुंचे तथा तीर्थयात्रियों की सुचारु आवाजाही के लिए व्यापक बंदोबस्त किए गए हैं.
अधिकारियों ने बताया कि हाजियों का स्वागत करने के लिए हवाई अड्डे पर परिवार के केवल 1 सदस्य को ही अनुमति दी गई है. हाजियों और उनके रिश्तेदारों की आवाजाही के लिए सभी जिला प्रशासनों के समन्वय के साथ राज्य सड़क परिवहन प्राधिकरण (एसआरटीसी) की बसों को तैनात किया गया है तथा सुरक्षाबलों को तीर्थयात्रियों और उनके रिश्तेदारों को उन इलाकों से गुजरने देने की अनुमति देने के निर्देश दिए गए हैं, जहां पाबंदियां लागू हैं.
DGP का दौरा : जम्मू-कश्मीर के DGP दिलबाग सिंह ने आज राजौरी, उधमपुर और जम्मू का दौरा किया ताकि सुरक्षा परिदृश्य और कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की जा सके. बाद में उन्होंने जम्मू में एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की और पुलिस अधिकारियों और कर्मियों के साथ बातचीत की.
read it also:- गृह मंत्री अमित शाह ने पेश किया कश्मीर से धारा 370 हटाने की सिफारिश

दलित दस्तक (Dalit Dastak) साल 2012 से लगातार दलित-आदिवासी (Marginalized) समाज की आवाज उठा रहा है। मासिक पत्रिका के तौर पर शुरू हुआ दलित दस्तक आज वेबसाइट, यू-ट्यूब और प्रकाशन संस्थान (दास पब्लिकेशन) के तौर पर काम कर रहा है। इसके संपादक अशोक कुमार (अशोक दास) 2006 से पत्रकारिता में हैं और तमाम मीडिया संस्थानों में काम कर चुके हैं। Bahujanbooks.com नाम से हमारी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुक किया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को सोशल मीडिया पर लाइक और फॉलो करिए। हम तक खबर पहुंचाने के लिए हमें dalitdastak@gmail.com पर ई-मेल करें या 9013942612 पर व्हाट्सएप करें।