Sunday, April 27, 2025
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भीमा-कोरेगांव पर ब्राह्मण औऱ दलित डायरेक्टर में ट्वीटर वार

विवेक अग्निहोत्री और नीरज धेवान

नई दिल्ली। भीमा कोरेगांव को लेकर चल रही बहस अब फिल्म जगत तक पहुंच गई है. घटना के बाद दलित उभार को लेकर चल रही बहस के बीच फिल्मी दुनिया के दो जाने माने डायरेक्टर आपस में उलझ गए हैं. ‘हेट स्टोरी’ और ‘चॉकलेट’ समेत कई फ़िल्मों के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री के एक हालिया ट्वीट पर बहस छिड़ गई है.

विवेक अग्निहोत्री ने 3 जनवरी को ट्विटर पर लिखा था कि ”कुछ वक्त पहले मैंने फ्लाइट में एक दलित नेता के पोते को बिजनेस क्लास में सफर करते हुए देखा था. तब मैंने लिखा था- एक निचली जाति के नेता के साथ सफर कर रहा हूं. लेकिन आज की तारीख़ में अगड़ी जाति कौन है? वो व्यक्ति जो बिजनेस क्लास में बैठा हुआ है और उसे ग्राउंड स्टाफ अटेंड कर रहा है. या वो जो फ्लाइट में सीट के हत्थे पर हाथ रखने के लिए आधा इंच जगह तलाशने की कोशिश कर रहा है. मैं ब्राह्मण परिवार में पैदा हुआ और ये नेता दलित परिवार में. लेकिन आज वो फर्स्ट क्लास 1ए में बैठा हुआ है और मैं सेकेंड क्लास 26बी में बैठा हुआ है. पिरामिड उलटा हो गया है.”

विवेक अग्निहोत्री के इस ट्वीट पर फिल्म मसान के जरिए कई अवार्ड जीतने वाले फिल्म डायरेक्टर नीरज घेवान ने करारा जवाब दिया है. नीरज घेवान ने विवेक अग्निहोत्री को जवाब देते हुए ट्विटर पर लिखा- ”मैं एक दलित हूं. अपने देश के लिए कान फ़िल्म और एडवरटाइजिंग अवॉर्ड भी जीता है. नेशनल अवॉर्ड और फिल्मफेयर अवॉर्ड भी जीता है. ये सब मैंने अपनी दलित पहचान का इस्तेमाल किए बिना किया है. और हां, मैं अब बिजनेस क्लास में सफर करता हूं. अगली बार जब हम एक ही विमान में सवार हुए तो मैं आपको अपनी सीट पर बैठने का ऑफर दूंगा.”
नीरज घेवान ने एक दूसरे ट्वीट में यह भी लिखा कि ”मैं कभी जाति कार्ड का इस्तेमाल नहीं करुंगा और न ही इसे नीची नज़रों से देखूंगा.”

नीरज के इस ट्वीट पर कई लोगों ने उनका समर्थन किया है. वरुण ग्रोवर ने इस मसले पर कई ट्वीट किए. वरुण नेअपने ट्वीट्स में सवाल उठाया है- ”एक शांतिपूर्ण रैली पर हमले के बाद दलितों ने ट्रैफिक रोककर प्रदर्शन किया. अपर कास्ट से ताल्लुक रखने वाले भारतीय कहते हैं- देखो इन अराजकतावादियों को, ये भारत तोड़ना चाहते हैं. लेकिन जब दलितों के कुएं में ज़हर मिलाया जाता है. दलितों को उनकी जगह दिखाने के लिए रेप और मर्डर किया जाता है, तब यही लोग कहते हैं कि भारत विविधताओं का देश है, झगड़े तो होंगे ही.”

योगेंद्र चौहान ने लिखा, ”किसी को विवेक से पूछना चाहिए कि ब्राह्मण परिवार में जन्म लेने में उनका क्या योगदान है,जिस पर वो इतना फ़ख़्र कर रहे हैं.” तो पूर्व राज्यसभा सांसद तारिक अनवर लिखते हैं, ”आप चाहें तो उन्हें फिल्म बनाने के गुर भी सिखा सकते हैं.”

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