नई दिल्ली। कोलकाता में मंगलवार को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो में बवाल के बाद से पश्चिम बंगाल से लेकर दिल्ली तक सियासी पारा चढ़ा हुआ है. इस हंगामे की वजह से आखिरी चरण की वोटिंग से पहले टीएमसी और बीजेपी का टकराव गंभीर मोड़ पर पहुंच चुका है. ममता बनर्जी ने जहां हिंसा के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया है, वहीं बीजेपी ने चुनाव आयोग से ममता के चुनाव प्रचार पर बैन की मांग की है. आइए सिलसिलेवार ढंग से बताते हैं कोलकाता में कल से अबतक क्या-क्या हुआ.
ममता को चुनौती दे शाह ने शुरू किया रोड शो
जाधवपुर में रैली की इजाजत रद्द करने और हेलिकॉप्टर उूसमतारने की अनुमति नहीं मिलने से भड़के बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने ममता बनर्जी को चुनौती दी कि वह कोलकाता आ रहे हैं, हिम्मत है तो दीदी गिरफ्तार करें. मंगलवार को कोलकाता में अमित शाह के रोड शो से पहले कुछ जगहों पर पीएम मोदी और शाह के पोस्टरों को कथित तौर पर टीएमसी कार्यकर्ताओं ने फाड़ दिया. शाम को शाह का रोड शो शुरू हुआ. सड़क पर भगवा जनसैलाब दिख रहा था. ‘जय श्री राम’ और ‘मोदी-मोदी’ के नारों के साथ अमित शाह का रोड शो आगे बढ़ रहा था.
शाम 6.20 पर कलकत्ता यूनिवर्सिटी गेट पहुंचे शाह
शाम 6 बजकर 20 मिनट के आस-पास शाह कलकत्ता यूनिवर्सिटी गेट पहुंचे. वहां तृणमूल छात्र परिषद के कार्यकर्ताओं ने उन्हें काले झंडे दिखाए. पुलिस ने तत्काल हालात को संभाला.
विद्यासागर कॉलेज के सामने रोड शो पर पत्थरबाजी
10 मिनट के भीतर ही विद्यासागर कॉलेज के सामने रोड शो पर पत्थरबाजी हुई. आरोप है कि इसके बाद कुछ बीजेपी समर्थकों ने 2 मोटरसाइकलों और एक साइकल में आग लगा दी. हालांकि बीजेपी ने इसके लिए तृणमूल को जिम्मेदार ठहराया. शाह ने बुधवार को दिल्ली में बीजेपी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि उनके कार्यकर्ता अपनी ही गाड़ियां क्यों जलाते. इस अग्निकांड के बाद मंगलवार देर शाम हिंसा और तेजी से भड़की और पुलिस को हालात संभालने में पसीने छूट गए. बीजेपी और टीएमसी कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प शुरू हो गई.
शाह पर फेंके गए डंडे और बोतल, ईश्वर चंद विद्यासागर की प्रतिमा खंडित
हालात तब और खराब हो गए जब टीएमसी के कुछ समर्थकों ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पर झंडों के डंडे और बोतल फेंकने लगे. सुरक्षा कर्मियों ने अमित शाह को बचाया. बीजेपी अध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं को शांत कराने का प्रयास किया. विद्यासागर कॉलेज पास बीजेपी और तृणमूल छात्र परिषद के कार्यकर्ताओं में हिंसक झड़प के दौरान समाज सुधारक ईश्वर चंद विद्यासागर की प्रतिमा टूट गई. इसके लिए बीजेपी और टीएमसी एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. करीब सवा 7 बजे पुलिस हालात को संभाल पाई.
विद्यासागर की प्रतिमा तोड़े जाने पर आरोप-प्रत्यारोप
अमित शाह के रोड शो में बवाल के बाद बीजेपी ने राज्य की ममता बनर्जी सरकार पर गुंडागर्दी का आरोप लगाया. बीजेपी ने कहा कि बंगाल में लोकतंत्र की हत्या की गई है और सूबे में संवैधानिक व्यवस्था पूरी तरह फेल हो गई है. जवाब में ममता बनर्जी ने भी मोर्चा संभाल लिया और हिंसा के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराते हुए उस पर ईश्वर चंद विद्यासागर की प्रतिमा खंडित करने का आरोप लगाया. ममता ने विद्यासागर कॉलेज का दौरा कर हालात का जायजा लिया. टीएमसी चीफ ने कहा कि बाहरी लोगों को लाकर बीजेपी ने हिंसा कराई है.
टीएमसी नेताओं चेंज की ट्विटर पर डीपी, विद्यासागर की तस्वीर लगाई
ईश्वर चंद विद्यासागर की प्रतिमा टूटने पर आक्रामक रुख अपनाते हुए टीएमसी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल की डीपी में महान समाज सुधारक की तस्वीर लगा दी. बाद में टीएमसी के सभी प्रमुख नेताओं ने ट्विटर पर अपनी-अपनी डीपी के तौर पर ईश्वर चंद विद्यासागर की तस्वीर को लगा लिया.
मूर्ति तोड़े जाने के खिलाफ पैदल मार्च का ममता का ऐलान
टीएमसी चीफ ममता बनर्जी ने बुधवार को बेलाघाट से पैदल मार्च निकालने का ऐलान किया है. वह विद्यासागर कॉलेज के छात्रों को भी संबोधित करेंगी. उनका यह मार्च बेलाघाट से शुरू होगा. इस बीच, बुधवार को ही विद्यासागर कॉलेज के छात्रों ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी है. टीएमसी कार्यकर्ताओं ने कोलकाता में प्रोटेस्ट मार्च निकाला है. वहीं, बीजेपी ने दिल्ली के जंतर-मंतर में मूक-विरोध शुरू किया है. केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण, हर्षवर्धन, विजय गोयल समेत कई बीजेपी नेता इस प्रदर्शन में शामिल हुए.
अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ममता और टीएमसी पर बोला हमला
बुधवार 11 बजे बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ईश्वर चंद विद्यासागर की मूर्ति तोड़े जाने के लिए टीएमसी को जिम्मेदार बताया. शाह ने कहा कि रोड शो के दौरान टीएमसी कार्यकर्ताओं ने 3 बार हमले किए. टीएमसी पर ईश्वर चंद विद्यासागर की मूर्ति तोड़ने का आरोप लगाते हुए अमित शाह ने सवाल किया कि कॉलेज का गेट बंद था, उनके समर्थक सड़क पर थे तो गेट किसने खोला? इस आधार पर उन्होंने कहा कि मूर्ति को अंदर से तोड़ा गया. उन्होंने चुनाव आयोग पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि अबतक ममता के चुनाव प्रचार पर रोक क्यों नहीं लगी है. शाह ने कहा कि चुनाव में संभावित हार देख ममता बौखला गईं हैं और चुनाव में गड़बड़ी कर रही हैं. बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि अगर सीआरपीएफ नहीं होती हमारा बचना मुश्किल था.
दलित दस्तक (Dalit Dastak) एक मासिक पत्रिका, YouTube चैनल, वेबसाइट, न्यूज ऐप और प्रकाशन संस्थान (Das Publication) है। दलित दस्तक साल 2012 से लगातार संचार के तमाम माध्यमों के जरिए हाशिये पर खड़े लोगों की आवाज उठा रहा है। इसके संपादक और प्रकाशक अशोक दास (Editor & Publisher Ashok Das) हैं, जो अमरीका के हार्वर्ड युनिवर्सिटी में वक्ता के तौर पर शामिल हो चुके हैं। दलित दस्तक पत्रिका इस लिंक से सब्सक्राइब कर सकते हैं। Bahujanbooks.com नाम की इस संस्था की अपनी वेबसाइट भी है, जहां से बहुजन साहित्य को ऑनलाइन बुकिंग कर घर मंगवाया जा सकता है। दलित-बहुजन समाज की खबरों के लिए दलित दस्तक को ट्विटर पर फॉलो करिए फेसबुक पेज को लाइक करिए। आपके पास भी समाज की कोई खबर है तो हमें ईमेल (dalitdastak@gmail.com) करिए।