नई दिल्ली। विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया घंटों तक लापता रहने के बाद सामने आ गए हैं. सामने आते ही अहमदाबाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर तोगड़िया ने केंद्र सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया. तोगड़िया ने आरोप लगाया कि केंद्रीय जांच एजेंसी इंटेलिजेंस ब्यूरो लगातार उन्हें डराने की कोशिश कर रही है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान रोते हुए तोगड़िया ने कई ऐसे दावे किए जो सीधे तौर पर केंद्र की मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा करती है. साथ ही उन्होंने राम मंदिर और हिंदुओं की आवाज उठाने के लिए परेशान किए जाने की साजिश का भी आरोप लगाया. तोगड़िया ने कहा कि कुछ समय से मेरी आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने इशारों में पीएम मोदी और अमित शाह को कठघरे में खड़ा करते हुए आरोप लगाया कि मुझे डराने का काम गुजरात से शुरू हुआ.
आपबीती सुनाते हुए तोगड़िया ने कहा-
“कल (सोमवार) मैं कार्यालय में था और मेरे मोबाइल पर फोन आया कि 16 पुलिस स्टेशन से राजस्थान पुलिस का काफिला आ रहा है और गुजरात पुलिस भी उन्हें सहयोग कर रही है. मैंने राजस्थान की सीएम और गृह मंत्री को फोन किया तो उन्होंने कहा ऐसी कोई जानकारी नहीं है, जबकि आज सुबह क्राइम के चीफ ने मुझे बताया कि राजस्थान पुलिस ही उनकी गिरफ्तारी के लिए आई थी. राजस्थान की मुख्यमंत्री, गृह मंत्री और आईजी को पुलिस आने की जानकारी नहीं थी. इसका मतलब ये सब किसके इशारे पर हो रहा है.
पूरे प्रेस कांफ्रेंस के दौरान हिन्दू नेता प्रवीण तोगड़िया के चेहरे पर मौजूद डर साफ देखा जा सकता था. उन्होंने कहा कि वो समय आने पर सबूतों के साथ इसका खुलासा करेंगे. हालांकि यहां सवाल यह उठ रहा है कि राम मंदिर की वकालत करने वाले एक हिन्दू नेता को हिन्दू राष्ट्र बनाने का दम भरने वाली भाजपा की सरकार में ही जान का खतरा क्यों है?
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