उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के गुघाल मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में जनमंच सभागार में ‘एक शाम संविधान निर्माता के नाम’ कार्यक्रम हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ यूपी सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अनिल कुमार ने संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर व रिबन काटकर किया।
कार्यक्रम में मेला चेयरमैन मनोज प्रजापति, पार्षद राजूसिंह और मोहर सिंह ने डॉ. भीमराव अंबेडकर के बताए रास्ते पर चलने की अपील की। उन्होंने शिक्षा और समाज की एकता व जागरूकता पर बल दिया। वहीं आरक्षण पर चर्चा की। इस दौरान मुख्य अतिथि एवं प्रदेश सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अनिल कुमार ने कहा- “डॉ.अंबेडकर ने राजनीतिक चेतना जगाने का काम किया। आज डॉ. अंबेडकर के संविधान से ही देश चल रहा है। दबे-कुचले समाज के जो लोग आगे बढे़ हैं, उन्हें जो सम्मान मिला है, वो डॉ. अंबेडकर के कारण ही मिला है।”
मंत्री डॉ. अनिल ने डॉ. अंबेडकर के साथ चौ. चरण सिंह को भी याद करते हुए कहा कि चौ. चरण सिंह ने भी सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ी है। जमींदारी खत्म करने का काम चौ. चरण सिंह ने ही किया था। उन्होंने कार्यक्रम के लिए पार्षद राजू सिंह व मोहर सिंह दोनों की प्रशंसा की। महापौर डॉ. अजय कुमार ने कहा- “आरक्षण कोई भीख या उपहार नहीं है, वह व्यवस्था का अंग है। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज की महिला यदि आज देश की राष्ट्रपति है तो वह संविधान की विशेषता के कारण ही है।”
विधायक देवेंद्र निम ने भी महापौर की बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि संविधान की आत्मा को बदल नहीं सकता। यदि आरक्षण से छेड़छाड़ हुई तो सबसे पहला व्यक्ति मैं होऊंगा, जो अपने पद से इस्तीफा देकर आपके साथ खड़ा मिलेगा। विधायक राजीव गुंबर ने कहा-बाबा साहेब ने संविधान के रूप में देश को आत्मा दी है। उन्होंने कहा कि उनकी शिक्षित होने की सीख को मानकर हम पढे़ और आगे बढे़। इसके अलावा डॉ.महेश चंद्रा, सतीश गौतम आदि ने भी डॉ.अंबेडकर के सिद्धांतों को अपनाने पर बल दिया।
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