दलितों के प्रति भेदभाव की खबरें आम है. लेकिन जब यह भेदभाव घृणा में बदल जाए तो आप क्या कहेंगे. और जब घृणा करने वाला कोई सवर्ण नहीं बल्कि पिछड़ी जाति का कोई व्यक्ति हो तब तो समाज के सामाजिक ढांचे के लिए खतरनाक संदेश है. जातिवाद के जहर का ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमें पिछड़ी कहे जाने वाली यादव जाति की ग्राम प्रधान सुमन यादव ने ग्राम पंचायत सचिव आलोक चौधरी को हटाने की मांग की है. सचिव के तबादला करने का जो तर्क दिया गया है, वह समाज में नासूर बनते जा रहे जातिवाद की सच्चाई और अपराध की श्रेणी में आता है. चिट्ठी में लिखा गया है कि, ‘हमारी ग्राम सभा भटगांव में ग्राम पंचायत सचिव अनुसूचित जाति दलित च..र जाति तैनात है, जिससे हमें कार्य करने में बाधा उत्पन्न हो रही है इसलिए हमारी ग्राम पंचायत भटगांव में कोई सवर्ण या पिछड़ी जाति का सचिव तैनात करने का कष्ट करें.’
मामला है लखनऊ के सरोजनी नगर का जहां भटगांव की ग्राम प्रधान सुमन यादव ने मुख्य विकास अधिकारी को चिट्ठी लिखकर भटगांव ग्राम पंचायत सचिव को हटाने की मांग की हैं. हैरान करने वाली बात यह है कि ग्राम प्रधान की इस मांग की अनुशंसा स्थानीय विधायक ने भी की है. ग्राम प्रधान सुमन यादव ने इससे पहले भी इसी वर्ष फरवरी में आलोक चौधरी से पहले रहे ग्राम पंचायत सचिव अरविंद चौधरी (अनुसूचित जाति) को भी जातिगत आधार पर हटाने की मांग की थी, जिसके बाद मार्च में आलोक चौधरी ने ग्राम पंचायत सचिव का पद संभाला. जातिवाद की मिली भगत का आलम यह था कि प्रशासन ने भी ग्राम प्रधान की मांग पर आपत्ति दर्ज कराने और इसे असंवैधानिक बताने की बजाय पूर्व सचिव अरविंद चौधरी का तबादला कर दिया था. लेकिन ग्राम प्रधान एक बार फिर जातिगत आधार पर सचिव आलोक चौधरी को हटाने की मांग कर रही है और इनके स्थान पर सवर्ण या फिर पिछड़ी जाति के सचिव की तैनाती की मांग कर रही है. ग्राम प्रधान ने अपनी चिट्ठी में पूर्व सचिव रहे नरेंद्र कुमार श्रीवास्तव का नाम भी सुझा दिया है और उनको ग्राम पंचायत सचिव बनाने की मांग कर रही हैं.
सुमन यादव ने पूर्व ग्राम पंचायत सचिव अरविंद चौधरी को हटाने के लिए 16 फरवरी 2016 को लखनऊ विकास अधिकारी के नाम चिट्ठी लिखी थी. इस चिट्ठी में उन्होंने क्षेत्रीय विधायक की सहमति का भी जिक्र किया है. 18 मार्च 2016 को ग्राम प्रधान सुमन यादव ने अपने आप को समाजवादी पार्टी की कार्यकर्ता बताते हुए मुख्यमंत्री को भी दलित सचिव अरविंद चौधरी को हटाने की मांग की. उन्होंने जो चिट्ठी लिखी है, वह समाजवादी पार्टी के लेटर पैड पर लिखी गई है. लखनऊ विकास अधिकारी ने उनकी मांग से लखनऊ जिलाधिकारी से अवगत करवाया, जिसके बाद जिलाधिकारी ने अरविंद चौधरी का तबादला करवा कर अलोक चौधरी को भटगांव ग्राम सभा सचिव का पद सौंप दिया लेकिन ग्राम प्रधान अलोक चौधरी को भी हटवाना चाहती है.
इस बारे में जब सुमन चौधरी से बात करने की कोशिश की गई तो वह फोन पर नहीं आई. उनके पति जीत बहादुर यादव ने दलित दस्तक से बातचीत में किसी चिट्ठी को लिखने से इंकार किया और इसे फर्जी बताया. जब दलित दस्तक ने यह पूछा कि फर्जी चिट्ठी लिखने वाले पर क्या उन्होंने कोई एफआईआर दर्ज करवाया है तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया और फोन काट दिया.
नोट- दलित दस्तक के पास सारे कागजात मौजूद हैं
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